One Nation One Election: मोदी कैबिनेट का बड़ा फैसला
भारत में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने की संभावना पर मंथन जारी है। हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई और इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए एक समिति का गठन किया गया है। इस फैसले से भारतीय राजनीति में बड़ा बदलाव आ सकता है।
समिति का गठन:
- इस समिति में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, कानून मंत्री किरेन रिजिजू और राज्य मंत्री (गृह) नित्यानंद राय शामिल हैं।
- समिति को One Nation One Election की व्यवहार्यता, लागत, कानूनी और व्यावहारिक पहलुओं का अध्ययन करना होगा।
One Nation One Election के फायदे:
- खर्च में कमी: एक साथ चुनाव कराने से चुनाव प्रचार का खर्च कम होगा क्योंकि कई चुनावों के लिए अलग-अलग प्रचार करने की आवश्यकता नहीं होगी।
- समय की बचत: एक साथ चुनाव कराने से चुनावों के लिए लगने वाला समय कम होगा, जिससे विकास कार्यों पर ध्यान केंद्रित करना संभव होगा।
- राजनीतिक स्थिरता: बार-बार होने वाले चुनावों के कारण राजनीतिक अस्थिरता आती है, जिसे एक साथ चुनाव कराने से कम किया जा सकता है।
- प्रशासनिक सुविधा: एक साथ चुनाव कराने से प्रशासनिक बोझ कम होगा, जिससे चुनाव प्रक्रिया को अधिक कुशल बनाया जा सकेगा।
चुनौतियाँ:
- कानूनी चुनौतियाँ: One Nation One Election के लिए मौजूदा चुनाव कानून में संशोधन की आवश्यकता होगी।
- राजनीतिक सहमति: सभी राजनीतिक दलों की इस प्रस्ताव पर सहमति होना ज़रूरी है।
- व्यावहारिक चुनौतियाँ: देश में इतने बड़े पैमाने पर चुनाव आयोजित करने के लिए व्यावहारिक चुनौतियाँ भी हैं।
निष्कर्ष:
One Nation One Election एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जिस पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। इस प्रस्ताव के फायदे और नुकसान दोनों हैं। समिति का गठन इस प्रस्ताव की व्यवहार्यता और इसके संभावित परिणामों का अध्ययन करने के लिए किया गया है। आशा है कि यह समिति इस मुद्दे पर सभी पहलुओं का अध्ययन करके एक व्यावहारिक रिपोर्ट पेश करेगी, जिससे भारत में चुनाव प्रणाली में सुधार हो सके।